Maa Kamakhya helps in removing the problems happening in your life, no matter what kind of problem you are facing, work is not going on, business is not going on, there is no happiness and peace in the house, there is a dispute in the family, you are troubled by the enemy. Work gets worse as per your wish Your business is not going well Marriage problems are coming in marriage Ghosts are troubled by obstacles Maa Kamakhya removes all such problems from you Contact Tantrik Vimal Samrat once help you out of trouble
माँ कामाख्या आपके जीवन हो रहे समस्याओ को दूर करने में मदत करती है छाए जैसे भी किसी भी प्रकार के समस्या में हो आप काम नहीं चल रहा है व्यापार नहीं चल रहा है घर में सुख शांति नहीं है परिवार में विवाद हो रहा है दुश्मन से परेशान है काम होते होते बिगड़ जाता है आपके इच्छा के अनुशार आपका व्यापार नहीं चल रहा है शादी विवाह में समस्या आ रही है भूत प्रेत बाधा से परेशान है ऐसे सभी समस्याओ को आपसे दूर करती है माँ कामाख्या एक बार संपर्क करे तांत्रिक विमल सम्राट जी से आपको समस्याओ से बहार निकलने में मदत करेंगे
कामाख्या देवी का मूल मंत्र क्या है?
क्लीं क्लीं कामाख्या क्लीं क्लीं नमः
आप कामाख्या मोहिनी मंत्र का प्रयोग वशीकरण में करते हैं ऐसा कहा जाता है की कामाख्या मोहिनी मंत्र में साबर यंत्र बहुत काम आता है इसलिए आपको रविवार के दिन लौंग, अगरबत्ती, सरसों का तेल, गूगल, धुप, दीपक, गुलाब का फूल, 5 अलग अलग कलर की मिठाई को लेकर रात के समय उत्तर दिशा में मुंह करके बैठना होता है फिर साधारण पूजा करके इस कामाख्या मोहिनी मंत्र – तेल-तेल महातेल! दूखूं री मोहिनी तेरा खेल!! मन्त्र का जाप ४१ बार करना है। फिर आपको आपका मनपसंद साथी जाता है यह कथन जानकारी पर आधारित है।
कामाख्या वशीकरण मंत्र असली
आपके पास मन्त्र साधना करने के लिए गुरु की आवस्यकता होती है यदि आपके पास नहीं है तो आप इस मन्त्र की साधना कर सकते हैं आप सुबह उठकर स्नान आदि से निवृत होकर सूर्य भगवन का स्मरण करे व साक्षी मानकर सिद्धि के लिए सूर्य भगवान् से अनुमति लें फिर कामाख्या वशीकरण मंत्र असली का जाप 10000 बार 41 दिनों तक करें ऐसा करने से आपकी साधना सिद्ध हो जाती है। और आपकी मनोकामना पूर्ण होती है। कामाख्या वशीकरण मंत्र असली यह है – ॐ नमो कामाक्षी देवी (आमुकी में उनका नाम लें) वंशं कुरु कुरु स्वः