Jeevdani Mata | Call Now+919118281718
Jeevdani Mata has such blessings on her devotees, Jeevdani Mata gives life to her devotees, whatever be the problem, Maa Jeevdani removes all your problems like diseases, defects, financial problems, business problems, problems at home, problems with enemies, child problems, this is how Maa Jeevdani Devi destroys
Maa Jeevdani Devi Mantra
People’s sorrows are destroyed, life is very difficult for you. The mistress of fourteen Bhuvans settled on the top of the mountain, the one who removes the sorrows of the people! You destroy the extreme darkness of life. Jai Jai Jagdambe Jivdani.
The existence of Maa Jivdani Devi dates back to the time when Lord Shiva was carrying the dead body of his wife Sati and her body was shattered into pieces which fell at 52 places across the world making it ‘Shaktipeeth’. This temple is situated on a hill which is about 1500 feet above the sea level.
The credit for the establishment of Jivdani Mata Temple goes to the Pandavas during the Mahabharata period. Legend has it that the five Pandavas had come here during their exile and established this temple. During that time Pandavas had worshiped goddess Ekvira, the presiding deity of this area near Vaitarani river and had also built many caves on nearby mountains.
जीवदानी माता की ऐसी कृपा होती है अपने भक्तो पर, जीवदानी माता अपने भक्तो को जीवन दान देती है, कैसी भी समस्या हो माँ जीवदानी आपके सभी समशयो का खात्मा करती है रोग, दोष, आर्थिक परेशानी, व्यापार में समस्या, घर में समस्या दुष्मन से समस्या, बच्चे की समस्या, ऐसे नस्ट करती है माँ जीवदानी देवी
माँ जीवदानी देवी मंत्र
जन दुख हरनि नास करहिं, जीवन तम अति घोर।। पर्वत की चोटी पर बसी चौदह भुवन की स्वामिनी, जन-जन का दुःख हरनेवाली! आप जीवन के अत्यन्त घोर अन्धकार का नाश करती हैं। जय जय जगदम्बे जिवदानी।
माँ जीवदानी देवी का अस्तित्व उस समय से है जब भगवान शिव अपनी पत्नी सती के शव को ले जा रहे थे और उनका शरीर टुकड़ों में बिखर गया था जो दुनिया भर में 52 स्थानों पर गिरा जिससे यह ‘शक्तिपीठ’ बन गया। यह मंदिर एक पहाड़ी पर स्थित है जो समुद्र तल से लगभग 1500 फीट ऊपर है।
जीवदानी माता मंदिर की स्थापना का श्रेय महाभारत काल में पांडवों को जाता है. लोकोक्ति है कि अपने वनवास के दौरान पांचो पांडव यहाँ आये थे और इस मंदिर की स्थापना की थी. उस दौरान पांडवों ने वैतरणी नदी के निकट इस क्षेत्र की अधिष्ठात्री देवी एकवीरा का पूजन किया था और आस-पास के पर्वतों पर कई गुफाओं का निर्माण भी किया था.